रा.प्र.सर्वे. के इतिहास को तीन भागों में बाँटा जा सकता है : निर्मार्णात्मक वर्ष (प्रथम से 10वाँ दौर), बृधि एवं समेकित करना (11वाँ से 27वाँ दौर) और रा.प्र.सर्वे.सं. के निर्माण के बाद की अवधि (28वें दौर से) रा.प्र.सर्वे. का 28वाँ दौर (अक्टूबर 1973 – जून 1974) रा.प्र.सर्वे. के उद्भव में एक सार्थक विभाजक के रूप में आया, क्योंकि इसने अभिकल्प में मुख्य परिवत्तनों से परिचय कराया ।
मूल अभिकल्प का अनुसरण दो-चरण (छोट ग्रामों/नगरीय खंडो) या तीन चरण (बड़े ग्रामों/खेड़ा समूहों वाला खंडों/उप-खंड निर्माण) स्तरीकृत है । प्राथमिक चरण इकाई (पीएसयू) ग्राम है (ग्रामीण क्षेत्रों में) या नगरीय ढाँचा सर्वेक्षण खंड (नगरीय क्षेत्रों में) किन्तु अन्तिम चरण इकाई (यूएसयू) परिवार/उद्यम सर्वेक्षणों के लिए अपरिवर्तनीय परिवार/उद्यम है । तौ अधिकांश रा.प्र.सर्वे. का सर्वेक्षण बहु विषयों का एकीकृत सर्वेक्षण है, अभिकल्प का व्योरा सर्वेक्षण-दर-सर्वेक्षण बदलते रहता है ।
कुद नये सर्वेक्षणों के अभिकल्पों का अनुसरण नीचे दिया गया है :-