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सरकार द्वारा जनवरी, 2000 में डा. सी रंगराजन की अध्यक्षता में गठित आयोग ने सांख्यिकीय प्रणाली तथा देश में सरकारी सांख्यिकी के समस्त पहलुओं की समीक्षा की।रंगराजन आयोग ने अगस्त 2001 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस आयोग की प्रमुख सिफारिशों में से एक देश की सभी प्रमुख सांख्यिकीय गतिविधियों के लिए एक नोडल और सशक्त निकाय के रूप में कार्य करने, विकसित करने, निगरानी करने के लिए सांख्यिकी पर एक स्थायी राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करना तथा सांख्यिकीय प्राथमिकताओं और मानकों को लागू करने तथा इसमें शामिल विभिन्न एजेंसियों के बीच सांख्यिकीय समन्वय सुनिश्चित करना था। रंगराजन आयोग ने यह भी सिफारिश की कि प्रारंभ में इस आयोग का गठन सरकारी आदेश के माध्यम से किया जाए।
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रंगराजन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप, 1 जून 2005 को, भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) स्थापित करने का संकल्प लिया। आयोग में एक अंशकालिक अध्यक्ष, चार अंशकालिक सदस्य और एक पदेन सदस्य होता है। भारत के मुख्य सांख्यिकीविद्, विशेष रूप से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के प्रमुख के रूप में सृजित पद आयोग के सचिव होते हैं। वह सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव भी हैं।